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सर्व शिक्षा अभियान क्या है In hindi मे पढे | यहा आपको इस अभियान की पूरी जानकारी मिल जाएगी |

सर्व शिक्षा अभियान
सर्व शिक्षा अभियान का कार्यान्वयन वर्ष 2000-2001 से किया जा रहा है जिसका उद्देश्य सार्वभौमिक सुलभता एवं प्रतिधारण, प्रारंभिक शिक्षा में बालक-बालिका एवं सामाजिक श्रेणी के अंतरों को दूर करने तथा अधिगम की गुणवत्ता में सुधार हेतु विविध अंत:क्षेपों में अन्य बातों के साथ-साथ नए स्कूल खोला जाना तथा वैकल्पिक स्कूली सुविधाएं प्रदान करना, स्कूलों एवं अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण किया जाना, प्रसाधन-कक्ष एवं पेयजल सुविधा प्रदान करना, अध्यापकों का प्रावधान करना, नियमित अध्यापकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण तथा अकादमिक संसाधन सहायता, नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें एवं वर्दियां तथा अधिगम स्तरों/परिणामों में सुधार हेतु सहायता प्रदान करना शामिल है
सर्व शिक्षा अभियान जिला आधारित एक विशिष्ट विकेन्द्रित योजना है। इसके माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण करने की योजना है। इसके लिए स्कूल प्रणाली को सामुदायिक स्वामित्व में विकसित करने रणनीति अपनाकर कार्य किया जा रहा है। यह योजना पूरे देश में लागू की गई है और इसमें सभी प्रमुख सरकारी शैक्षिक पहल को शामिल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्यों की भागीदारी से 6-14 आयुवर्ग के सभी बच्चों को 2010 तक प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था।
सर्व शिक्षा अभियान क्या है
- सार्वभौमिक प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा के साथ कार्यक्रम।
- पूरे देश के लिए गुणवत्तायुक्त आधारभूत शिक्षा की माँग का जवाब,
- आधारभूत शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने का अवसर,
- प्रारंभिक शिक्षा के प्रबंधन में – पंचायती राज संस्थाओं, स्कूल प्रबंधन समिति, ग्रामीण व शहरी गंदी बस्ती स्तरीय शिक्षा समिति, अभिभावक-शिक्षक संगठन, माता-शिक्षक संगठन, जनजातीय स्वायतशासी परिषद् और अन्य जमीन से जुड़े संस्थाओं को, प्रभावी रूप से शामिल करने का प्रयास,
- पूरे देश में सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के लिए राजनीतिक इच्छा-शक्ति की अभिव्यक्ति,
- केन्द्र, राज्य एवं स्थानीय सरकार के बीच सहभागिता व
- राज्यों के लिए प्रारंभिक शिक्षा का अपना दृष्टि विकसित करने का सुनहरा अवसर।
सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य
- सभी बच्चों के लिए वर्ष 2005 तक प्रारंभिक विद्यालय, शिक्षा गारंटी केन्द्र, वैकल्पिक विद्यालय, “बैक टू स्कूल” शिविर की उपलब्धता।
- सभी बच्चे 2007 तक 5 वर्ष की प्राथमिक शिक्षा पूरी कर लें।
- सभी बच्चे 2010 तक 8 वर्षों की स्कूली शिक्षा पूरी कर लें।
- संतोषजनक कोटि की प्रारंभिक शिक्षा, जिसमें जीवनोपयोगी शिक्षा को विशेष महत्त्व दिया गया हो, पर बल देना।
- स्त्री-पुरुष असमानता तथा सामाजिक वर्ग-भेद को 2007 तक प्राथमिक स्तर तथा 2010 तक प्रारंभिक स्तर पर समाप्त करना।
- वर्ष 2010 तक सभी बच्चों को विद्यालय में बनाए रखना।
सर्वशिक्षा अभियान की उपलब्धियां
- सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत उन बस्तियों में नई स्कूल बनाने का प्रयास किया गया, जहां बुनियादी स्कूली शिक्षा की व्यवस्था नहीं है।
- इसके अंतर्गत अतिरिक्त कक्षा, पीने की पानी, शौचालय, स्कूल सुधार के अनुदान के माध्यम से वर्तमान स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना।
- इस अभियान के अंतर्गत कंप्यूटर शिक्षा पर बल दिया गया है इसके अतिरिक्त डिजिटल अंतर को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
- बच्चों की उपस्थिति आशाजनक करने के उद्देश्य से मध्यान्ह भोजन जैसी योजना की शुरुआत की गई।
- वर्ष 2010 तक सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य पूरा होने के कारण केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने दिसंबर 2010 में जाने ले लिया था कि सर्व शिक्षा अभियान को शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने का प्रमुख साधन बनाया जाएगा इसके लिए संशोधित सर्व शिक्षा अभियान से संबंधित अधिनियम, 2011 में लागू किया जाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान के घटक
- शिक्षकों की नियुक्ति,
- शिक्षक प्रशिक्षण,
- प्रारम्भिक शिक्षा गुणात्मक सुधार,
- अध्ययन अध्यापन सामग्रियों का प्रावधान,
- शैक्षिक सहायता के लिए ब्लॉक और पंचायत संसाधन केन्द्रों की स्थापना,
- कक्षाओं और स्कूल भवनों का निर्माण,
- शिक्षा गारण्टी केन्द्रों की स्थापना,
- विशेष योजनाओं की समेकित शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा।
सर्व शिक्षा अभियान के लाभ (Benefits of Sarva Shiksha Abhiyan)
SSA योजना अपने साथ अनेक फायदे लेकर आयी हैं जिसके कारण भारत में शिक्षा का तेजी से प्रसार हुआ है और आज यह योजना अपने निर्धारित लक्ष्य के करीब हैं। इस योजना के फायदे निम्नलिखित हैं-
- इस योजना के तहत 6-14 वर्ष के बच्चो को मुफ्त शिक्षा दी जाती हैं और इसके लिए उनसे एक भी रूपया चार्ज नहीं किया जाता है।
- योजना के अन्तरगत फ्री किताब और अन्य पाठ्य सामग्री मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती है।
- SSA के तहत न सिर्फ छात्रों को बल्कि शिक्षको के प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया गया हैं और उनको अंतराष्ट्रीय सेमिनारो में भेज कर प्रशिक्षण दिलवाया जाता है।
- sarva shiksha abhiyaan को MID DAY MEAL योजना से जोड़कर स्कूल में ही दोपहर में मुफ्त भोजन दिलवाया जाता है।
- इस योजना के तहत हर स्कूल में एक अच्छी लाइब्रेरी की व्यवस्था की गयी है, जिसके लिए विद्यालय अनुदान से 1000 रूपए दिया जाता है।
- सर्व शिक्षा अभियान को दूरस्थ शिक्षा से जोड़ा गया है, जिसके तहत कोई भी बच्चा बिना स्कूल गए घर पर रहकर भी शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
SSA के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
SSA के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य नीचे दी गई सूची में उल्लिखित हैं-
- SSA को ‘सभी के लिए शिक्षा’ आंदोलन कहा जाता है।
- SSA कार्यक्रम के अग्रदूत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे।
- केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में इस पहल को लागू कर रही है।
- SSA का प्रारंभिक उद्देश्य 2010 तक अपने उद्देश्यों को पूरा करना था, हालांकि, समय सीमा बढ़ा दी गई है।
- SSA का लक्ष्य 1.1 मिलियन बस्तियों में लगभग 193 मिलियन बच्चों को शैक्षिक अवसंरचना प्रदान करना है।
- भारतीय संविधान के 86वें संशोधन अधिनियम ने एसएसए को कानूनी समर्थन प्रदान किया जब इसने 6-14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा मुफ्त और अनिवार्य कर दी।
- नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य लगभग दो करोड़ स्कूली बच्चों को मुख्यधारा में लाना है।
- 2019 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में, यह उल्लेख किया गया था कि 2015 में स्कूली उम्र (6 से 18 वर्ष के बीच) के अनुमानित 6.2 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर थे।
- पढ़े भारत बढ़े भारत सर्व शिक्षा अभियान का एक उप-कार्यक्रम है।
- ‘शगुन’ नाम से एक सरकारी पोर्टल है जिसे एसएसए कार्यक्रम की निगरानी के लिए लॉन्च किया गया है। विश्व बैंक ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से इसे विकसित किया है।
FAQS
सर्व शिक्षा अभियान (BRC) 2001भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसकी शुरूआत (2001-02) मे अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा की गई थी |
एसएसए 2001-2002 में राज्य सरकारों और स्थानीय स्व-सरकारों के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य 2010 तक 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को उपयोगी और प्रासंगिक, प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना है ।
सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उधेश्य उन बस्तियों में नए स्कूल खोलने की का है जिनमें स्कूली शिक्षा की सुविधा नहीं है और अतिरिक्त क्लास रूम, शौचालय, पेयजल, रखरखाव अनुदान और स्कूल सुधार अनुदान के प्रावधान के माध्यम से मौजूदा स्कूल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।